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1 दिसंबर से देशभर के सभी नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर फास्टैग (FASTag) लगाना अनिवार्य कर दिया है. सरकार के इस फैसले से टोल प्लाजा पर लंबी भीड़ से बचा जा सकता है. सरकार का मानना है कि टोल प्लाजा पर भीड़ कम होने और बिना रोक-टोक गाड़ी निकलने से प्रदूषण के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. फास्टैग सिर्फ आपको टोल प्लाजा की भीड़ से ही मुक्ति नहीं दिलाएगा, बल्कि कमाई का भी कराएगा. क्योंकि, मोदी सरकार आपको फास्टैग का बिजनेस करने का मौका दे रही है. सिर्फ 50,000 रुपए के इन्वेस्टमेंट के साथ आप अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं.


फास्टैग टोल प्लाजा पर पेमेंट करने वाला एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की तकनीक है. फिलहाल, इसे सिर्फ नेशनल हाईवे पर ही लागू किया गया है. आने वाले समय में स्टेट हाईवे पर भी इसे लागू किया जा सकता है. फास्टैग रेडिया फ्रिक्वेंसी आइडेन्टिफिकेशन (RFID) के प्रिंसिपल पर काम करती है. फास्टैग को गाड़ियों की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है, टोल प्लाजा के सेंसर इसे रीड करते हैं और टोल का पेमेंट हो जाता है. 1 गाड़ी पर लगा फास्टैग अगले 5 साल के लिए वैध है. 


फास्टैग बेचने का बिजनेस
कोई भी भारतीय नागरिक आवेदन कर सकता है. हालांकि, मार्केट में काम करने का अनुभव जरूरी है. आरटीओ एजेंट्स को खास व​रीयता दी जाएगी. इसके अलावा कार डीलर, कार डेकोर, ट्रांसपोटर्स, PUS सेंटर, फ्यूलिंग स्टेशन, इंश्योरेंस एजेंट, प्वाइंट ऑफ सेल एजेंट भी आवेदन कर सकते हैं.