खाली भवनों में अवैध रूप से रहने वालों पर कसेगा शिकंजा

जीडीए की विभिन्न योजनाओं में खाली पड़े भवनों में अवैध रूप से रहना अब आसान नहीं होगा। बगैर आवंटन के खाली भवनों में रहने वालों पर शिकंजा कसने के लिए जीडीए ने सर्वे शुरू कर दिया है। अनाधिकृत रूप से भवनों में रहने वालों की प्रवर्तन अनुभाग अगले सप्ताह अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। फिर अवैध रूप से रहने वालों पर जुर्माना लगाने के साथ मकान खाली नहीं करने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
बता दें कि बीते मंगलवार को जोन-चार की एक 10 मंजिला बिल्डिंग के फ्लैट में आग लगने से जीडीए सुपरवाइजर की मौत हो गई थी। जांच में सुपरवाइजर के अनाधिकृत रूप से बिल्डिंग के रहने की बात सामने आई है। जीडीए की विभिन्न योजनाओं में बिक्री न होने के कारण पांच हजार से अधिक फ्लैट खाली पड़े हैं। दूसरी ओर कई योजनाओं में विवाद होने के चलते इन प्रोजेक्टों के फ्लैटों में अवैध रूप से रहने वाले लोगों की संख्या अधिक है। ऐसी योजनाओं में तैनात कर्मचारियों और चौकीदार की मिलीभगत से किराये पर फ्लैट लेने के कई मामले सामने आए हैं।
प्रताप विहार की घटना में जीडीए सुपरवाइजर की मौत होने के बाद जीडीए उपाध्यक्ष ने सभी जोन प्रभारियों को खाली पड़े भवनों का निरीक्षण कर सर्वे रिपोर्ट दो सप्ताह के अंदर सौंपने के आदेश दिए थे। निर्देशों में साफ कहा गया है कि अगर जीडीए के भवनों में बगैर आवंटन कोई रहता हुआ पकड़ा जाता है तो उस पर जुर्माना लगाने के साथ मुकदमा दर्ज कराने तक की कार्रवाई की जा सकती है। मामले में प्राधिकरण कर्मियों की संलिप्तता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। दूसरी ओर जोन प्रभारियों को उनके जोन में खाली भवनों में अवैध रूप से किसी के नहीं रहने संबंधी शपथ-पत्र जमा करना होगा। लापरवाही पर जीडीए अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि विभिन्न योजनाओं में खाली भवनों की स्थिति जानने को सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।