जिले में उद्योगों के लिए बिजली संकट बन रही है और उत्पादन पर इसका असर पड़ रहा है। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र ने इसको लेकर एक डाटा भी तैयार किया है। इसमें प्रतिदिन करीब चार घंटे की बिजली कटौती का आंकड़ा सामने आया है। यह हाल तब है जब जिला गाजियाबाद नो कट जोन घोषित किया गया है।
बीएसआर औद्योगिक क्षेत्र की एसोसिएशन ने तीन महीने का डाटा तैयार किया है। विद्युत विभाग से 15 फीडर की डिटेल लेकर तैयार किए गए डाटा को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में रखा गया है। इसमें दिनवार ब्रेकडाउन, शटडाउन, फॉल्ट की डिटेल एकत्रित की गई है। इन तीन महीनों में बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र को प्रतिदिन 24 घंटे में से चार घंटे बिजली कम मिल रही है। कई बार पीक आवर्स में बिजली न होने से उद्योगों को परेशानी होती है। ऐसे में कई उद्यमों में उत्पादन रुक जाता है और लेबर खाली बैठ जाती है। कुछ उद्यम जेनरेटर के दम पर उत्पादन को बनाए हुए हैं। एसोसिएशन का अनुमान है कि बिजली संकट से क्षेत्र में करीब दस प्रतिशत तक उत्पादन घटा है।
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औद्योगिक क्षेत्र में 450 से अधिक हैं उद्यम
बीएसआर औद्योगिक क्षेत्र में करीब 450 उद्यम संचालित हैं। अधिकतर लोहे या स्टील के उत्पादों को यहां तैयार किया जाता है। ऐसे में बिजली कम मिलने से उद्योगों पर असर पड़ रहा है। औद्योगिक क्षेत्र में ज्यादातर दिन में बिजली गुल हो जाती है, जिससे कुछ जगह उत्पादन रुक जाता है। रात में अधिकांश यूनिटों में लेबर नहीं रहती है।
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क्या कहते हैं उद्यमी
उद्योगों के लिए बिजली सबसे जरूरी है। निर्बाध बिजली न मिल पाने से उद्योग प्रभावित होते हैं जबकि जेनरेटर से उत्पाद की कॉस्ट बढ़ जाती है। जो डाटा हमने तैयार किया है, उसे अधिकारियों के समक्ष रखा है। - राजीव अरोड़ा, महासचिव, बुलंदशहर रोड मैन्युफेक्चर्स एसोसिएशन
उद्योगों के लिए बिजली बनी संकट, घट रहा है उत्पादन